चंडीगढ़. हरियाणा में किसान लगातार डीएपी (DAP) की किल्लत से जूझ रहे हैं. सरकार के तमाम दावों के बाद भी किसानों को डीएपी खाद (DAP fertilizer) नहीं मिल पा रही है. अब एक नई समस्या किसानों के सामने आकर खड़ी हो गई है. कई जिलों से आ रही रिपोर्ट के हिसाब से किसानों को यूरिया खाद (Urea Khad) के साथ जबरन सल्फर (Sulphur) और कीटनाशक (Insecticide) खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में किसानों की लागत में लगभग दोगुने का इजाफा हो रहा है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है और इसकी जांच करने की मांग की है.
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यूं हो रहा है डबल खर्च
यूरिया (Urea fertilizer) का एक बैग किसान को 266 रुपये 50 पैसे में मिलता है. परंतु अब किसानों को यूरिया खाद के साथ एक सल्फर का बैग भी दिया जा रहा है, जिसकी कीमत 250 रुपये है. ऐसे में किसानों को दोनों की कीमत 516 रुपये 50 पैसे चुकानी पड़ रही है. यदि इसके अलावा कुछ और भी खरीदने को कहा जाता है तो ये लागत और ज्यादा बढ़ जाती है.
करनाल, निसिंग में ऐसे हैं हालात
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट की अनुसार, करनाल (Karnal), निसिंग (Nising), असंध (Asandh) और घरौंडा (Gharaunda) में किसानों को यूरिया खाद के साथ गेहूं के बीज, कीटनाशक दवाएं और खरपतवार दवाएं जबरन दी जा रही हैं. किसानों को यूरिया खाद के साथ संकोर, सल्फर, माइकोराइजा (फंगस), ट्राइकांटानोल (पौधे की फूट) की दवाएं खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. किसान यदि ये सब दवाएं लेने से इनकार करता है तो उसे यूरिया खाद भी नहीं दी जा रही.
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उधर, धारुहेड़ा (Dharuhera) में किसानों को डीएपी और यूरिया के साथ जिंक और कुछ कीटनाशक बेचने की बात सामने आई है. इस बाबत दुकानदार और एक कृषि अधिकारी के खिलाफ शिकायत की गई है. कृषि उपनिदेशक ने दुकानदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके अवाला, दुकान में ही मौजूद कृषि विकास अधिकारी (ADO) को चार्जशीट करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के महानिदेशक को लिखा गया है.