इन्फोपत्रिका. गेहूं में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in wheat) बहुत से किसानों के लिए दूभर कार्य हो गया है. कुछ स्थानों या खेतों में गेहूं में घास महंगे खरपतवारनाशकों के छिड़काव के बाद भी समाप्त नहीं होता. ऐसी स्थिति में किसान को समझ में ही नहीं आता कि आखिर वह करे तो क्या करे. कुछ मामलों में तो यह भी देखा गया है कि गेहूं में घास तो दवा से नहीं जलता पर गेहूं को नुकसान जरूर हो जाता है.
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना के वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in wheat) में कुछ घटक बहुत महत्वपूर्ण हैं. इन घटकों में शामिल है- समय, खरपतवारनाशक दवा, मौसम, नमी और स्प्रे करने का तरीका. तो आइये जानते हैं कि गेहूं में 100 फीसदी खरपतवार नियंत्रण के लिए कब, कैसे और क्या किया जाना चाहिए.
उचित समय पर स्प्रे, spray for Weed control in wheat
गेहूं में खरपतवारनाशक दवा का सही समय पर छिड़काव करने पर ही अच्छे रिजल्ट मिलेंगे. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार अगेती बोई फसल में 35 से 45 दिन में स्प्रे कर देना चाहिए. पछेती बोई गेहूं में 55 दिन तक स्प्रे की जा सकती है. घास की पत्तियों को देखकर भी स्प्रे का समय निर्धारित किया जा सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर गेहूं की बुआई के वक्त जमीन में नमी ज्यादा होगी तो खरपतवार जल्दी उगेंगे. ऐसे में हमें जल्दी स्प्रे करना होगा. जब खरपतवार 3-4 पत्तियों के हो जाए तो स्प्रे कर दें. स्प्रे न ज्यादा जल्दी करना चाहिए और न ही लेट.
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सही दवा का प्रयोग
सही खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करना अति आवश्यक है. गेहूं (wheat crop) में दो तरह के खरतपवारनाशक उगते हैं. एक तीखी पत्ती वाली और दूसरे चौड़ी पत्ती वाले. इसलिए अपने खेत का गहन निरीक्षण करके ही खरपतवारनाशक (weedicide) का चुनाव करना चाहिए. किसी भी एक खरपतवारनाशक का लगातार प्रयोग नहीं करना चाहिए. निरंतर उपयोग से घास उस दवा के प्रति सहनशीलता उत्पन्न कर लेते हैं. दो से ज्यादा खरपतवारनाशक का मिलाकर प्रयोग न करें. इससे गेहूं में नुकसान का खतरा बढ़ जाता है.
पर्याप्त नमी
खरपतवारनाशक दवा पत्तों और जड़ों के माध्यम से घास को समाप्त करती है. इसलिए दवा को असर करने के लिए खेत में पर्याप्त नमी का होना बहुत जरूरी है. उचित नमी उसे माना जाता है जब हम खेत में चलें तो जमीन पर हमारे पैर न छपे. यहां यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि अगर ज्यादा गीले खेत में खरपतवारनाशक दवा का स्प्रे किया जाता है तो गेहूं को नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है.
सही मौसम
गेहूं में खरपतवारनाशक दवा का छिड़काव (weedicide spray) करने का सही मौसम वह है जब धूप खिली हो और दो-तीन दिन तक बारिश की संभावना न हो. अगर धुंध छाई हो और धूप न निकल रही हो तो भी स्प्रे नहीं करनी चाहिए. ओस उड़ने के बाद खेत में दवा का छिड़काव करना चाहिए और कोशिश यही होनी चाहिए कि शाम 4 बजे तक स्प्रे कर दी जाए. ऐसा इसलिए किया जाना चाहिए क्योंकि सर्दी के मौसम में औस जल्दी पड़नी शुरू हो जाती है. औस से पौधा गीला होने पर दवा कम असर करती है.
स्प्रे का सही तरीका
स्प्रे का सही तरीका अत्यंत महत्वपूर्ण है. अगर ऊपर बताई गई सारी बातों का पालन किसान करता है और स्प्रे करना का उसका तरीका गलत है तो रिजल्ट नहीं मिलेगा. जहां तक हो सके हाथ वाले स्प्रे पंप से कट वाली नोजल लगाकर स्प्रे किया जाए. कम जगह लेकर स्प्रे करें. बड़ी और ज्यादा जगह को कवर करने की कोशिश कतई न करें. एक सीध में चलें. एक ही जगह दो बार स्प्रे करने से बचें. अगर ट्रेक्टर चालित पंप से स्प्रे कर रहे हैं तो फव्वारा बारिक न रखें. मोटा फव्वारे से पानी की बूंदे निकलती हैं जो नीचे तक जाती है. अगर फव्वारा बारिक रखेंगे और नोजल से धुंआ जैसे निकलेगा तो ज्यादा दवा गेहूं के पत्तों पर गिरेगी और वो गेहूं के पत्तों के नीचे घास तक नहीं जाएगी. दूसरी बात यह है कि हाथ वाले स्प्रे पंप से स्प्रे करें या ट्रेक्टर वाले से, नोजल को गेहूं से डेढ़ फीट ऊंचा रखें.
साफ और ताजा पानी
खरपतवारनाशक दवा का छिड़काव हमेशा साफ और ताजे पानी में मिलाकर ही करना चाहिए. अगर पानी में मिट्टी मिली होगी तो दवा असर नहीं करेगी. सर्दी के मौसम में ठहरा हुआ पानी बहुत ठंडा होता है. इसमें दवा अच्छे से घुलती नहीं. इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए की ताजा पानी ही प्रयोग में लाया जाए. अगर बड़ी मात्रा में ताजा पानी उपलब्ध न हो तो कम से कम दवा का घोल बनाने के लिए तो जरूर ताजे पानी का प्रयोग करें. ठंडे पानी में दवा का घोल सही से नहीं बनता है क्योंकि उसमें दवा अच्छे से घुलती नहीं और जल्दी नीचे बैठ जाती है. एक एकड़ में स्प्रे करने के लिए 150 लीटर पानी से ज्यादा का पानी का प्रयोग न करें.