Repeat Breeding : पशुओं में बांझपन तेजी से बढ़ता जा रहा है. बांझपन कई कारणों से होता है. इसके लिए सही मात्रा में पोषक तत्वों का न मिलना और बीमारियां, दोनों में से कोई एक कारण हो सकता है. पशु हीट में आता है तो पशुपालक कृत्रिम गर्भादान कराकर या नर से मादा संसर्ग करवाकर मादा को गर्भित करने की कोशिश करता है. परंतु मादा पशु गर्भधारण नहीं करता. थोड़े अंतराल के बाद वह फिर हीट में आ जाता है. इसे बहुत से लोग रिपीटर भी कहते हैं. पशु ब्याने (बच्चा देने) के बाद अपने निर्धारित समय में दोबारा गर्भ धारण कर ले, इसके लिए जरूरी है कि पशुओं की खुराक में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व हों. इसके अलावा पशु के ब्याने के बाद उसकी बच्चेदानी का साफ और स्वस्थ होना भी जरूरी है. इसलिए अगर ब्याने के 45 दिन बाद तक पशु गर्भधारण नहीं करता है तो कुशल पशु चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.
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पारंपरिक तरीके से बांझपन (Repeat Breeding) का इलाज
बांझपन या रिपीटर (Repeat Breeding) का इलाज पारंपरिक चिकित्सा से भी किया जा सकता है. हर स्थान पर ऐसे इलाज प्रचलन में हैं. स्थानीय स्तर पर मिलने वाली जड़ी-बुटियों का प्रयोग पशु को गर्भधारण कराने के लिए किया जाता है. राष्ट्रीय डेयरी विकास संस्थान पशुओं के पारंपरिक इलाज विधियों के प्रसार में लगा है. संस्थान ने बेंगलुरू स्थित द यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रांसडिसिप्लनरी हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों की मदद से इस संबंध में एक वीडियो पशुपालकों के लिए बनाया है.
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अनुभवी पशु चिकित्सक की सलाह जरूर लें
इस वीडियो में बताया गया है कि पशुपालक बांझपन का इलाज (Ethno-veterinary formulation for Repeat Breeding) कैसे घरेलू चिकित्सा से कर सकते हैं. पशुपालकों को एक बात जरूर ध्यान रखनी चाहिए कि पशु का किसी भी तरह का इलाज, चाहे वो घरेलू हो या आधुनिक चिकित्सा विधि का, अनुभवी पशु चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए. घरेलू चिकित्सा शुरू करने से पहले चिकित्सक से राय अवश्य करनी चाहिए. आप भी ये वीडियो देखिए और लाभ उठाइये ……….