इन्फोपत्रिका. Pashuon ki khansi : हमारे देश में जड़ी-बूटियों और घर में पाई जाने वाली सामग्री से बीमारियों का इलाज लंबे समय से किया जा रहा है. हालांकि धीरे-धीरे देशी नुस्खे विलुप्त हो रहे हैं. इनकी जगह आधुनिक चिकित्सा पद्ति ने ले लिया है. ऐसा नहीं है कि इलाज के देशी तरीके (Ethno-veterinary medication) कारगर नहीं हैं. इनके चलन से बाहर होने का कारण इनके जानकारों की घटती संख्या है.
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देश में बहुत से संस्थान अब भी हमारी प्राचीन घरेलू चिकित्सा पद्ति को आगे बढ़ाने में लगे हैं. पशुओं की घरेलू चिकित्सा विधि (Ethno-veterinary medication of animal) को पशुपालकों तक पहुंचाने में बेंगलुरू स्थिति द यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रांसडिसिप्लनरी हैल्थ साईंसेज एंड टेक्नोलॉजी का अहम योगदान है. यूनिवर्सिटी नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर पशुपालकों को घर और आसपास उपलब्ध सामग्रीयों से पशुओं का इलाज करने को जागरूक कर रही है.
ऐसे करें पशुओं की खांसी या धांसना का इलाज Pashuon ki khansi ya dhsna
पशु को आमतौर पर खांसी हो जाती है. कई जगह इसे धांसना या धासना भी बोला जाता है. द यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रांसडिसिप्लनरी हैल्थ साईंसेज एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एन पूनीमूर्थी और डॉक्टर एम.एन. बालाकृष्णन नैयर इस वीडियो में इसका घरेलू इलाज बता रहे हैं. खांसी के इलाज के लिए अडूसा के पत्ते, काली मिर्च, हल्दी, तुलसी और गुड़ का प्रयोग किया जाता है. कैसे बनाई जाती है दवाई, देखिए इस वीडियो में..
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