इन्फोपत्रिका. Thanela rog ka ilaj : थनैला रोग दुधारू पशुओं का एक प्रमुख और भयंकर रोग है. यह रोग पशुपालक को बहुत नुकसान पहुंचाता है. थनैला रोग होने के कई कारण होते हैं. तीव्रता के आधार पर भी यह अलग-अलग हो सकता है. ज्यादातर मामलों में पशुपालक थनैला का ऐलोपैथिक इलाज ही कराते हैं. देश के कई हिस्सों में इस रोग का इलाज पारंपरिक उपचार विधि (देसी इलाज) भी किया जाता है.
यदि आप लंपी का देसी उपचार जानना चाहते हैं तो ये जरूर देखिए – Lampi ka ilaj
देश के बहुत से संस्थान आज पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और उन पर शोध करने में लगे हैं. तमिलनाडु वेटेरीनेरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (TANUVAS) और बैंगलूरु की ट्रांसडिसिप्लनरी यूनिवर्सिटी (TDU) भी पारंपरिक चिकित्सा पद्तियों को पशुपालक तक पहुंचाने में लगी है. TANUVAS के प्रोफेसर और हेड डॉ. एन. पुनिएमूर्थी तथा TDU के प्रोफेसर इमेरिट्स डॉ. एमएल बालाकृष्णन नायर व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एस कुमार को पारंपरिक चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल है. इस वीडियो में ये तीनों ही विशेषज्ञ थनैला रोग का घरेलू चिकित्सा विधि से इलाज (Thanela rog ka ilaj) कैसे करें, के बारे में बता रहे हैं.
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का ये वीडियो
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने इस वीडियो (thanela rog ka ilaj) को पशुपालकों के लिए बनाया है और उसे शेयर किया है. तो आप भी इस वीडियो को देखिए और इन तीनों विशेषज्ञों के ज्ञान और शोध का फायदा उठाइये.
नोट : हमारी सलाह है कि पोस्ट में दी गई जानकारी का दैनिक उपयोग करने से पहले अनुभवी पशु चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें. बहुत सी बीमारियों के लक्षण आदि मिलते-जुलते होते हैं. एक विशेषज्ञ ही बीमारी की सही पहचान कर सकता है. इसलिए कोई भी दवा देने या इलाज शुरू करने से पहले पशु चिकित्सक से राय लेना लाभदायक है.