इन्फोपत्रिका. Neck Blast : हरियाणा और पंजाब के बासमती उत्पादक क्षेत्रों में इस साल बासमती की लगभग सभी किस्मों पर गर्दन तोड़ रोग का भयंकर अटैक आया है. दवाएं बेअसर हो रही है और किसानों की मेहनत पर दिनोंदिन पानी फिर रहा है. खराब मौसम की मार से जो किसान बच गए थे अब इस बीमारी ने उनकी कमर तोड़ दी है.
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इन किस्मों में Neck Blast का ज्यादा हमला
हरियाणा और पंजाब में गर्दन तोड़ का हमला ज्यादा है. बासमती 1121, डीपी 1401 और पीबी 1 मुच्छल में इस बार Neck blast ज्यादा आया है. इस बार बारिश ज्यादा और लंबे समय तक हुई है. तापमान में भी लगातार उतार-चढाव होता रहा है. इस वजह से इस बीमारी का हमला ज्यादा हुआ है.
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के भिरड़ाना के किसान वेदपाल ने www.infopatrika.in को बताया कि इस बार डीपी 1401 और पीबी 1 मुच्छल में 25 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक नुकसान गर्दन तोड़ ने कर दिया है. दवाओं का असर बीमारी पर नहीं हो रहा है. अब बासमती 1121 में यह बीमारी आनी शुरू हो गई है. पिछले बार अच्छे रेट मिलने की वजह से इस बार किसानों ने डीपी 1401 और पीबी 1 मुच्छल ज्यादा लगाया है. रेट इस बार भी अच्छे चल रहे हैं.
किसान Neck Blast को रोकने के लिए फंफूदी नाशकों का प्रयोग कर रहे हैं, पर बीमारी काबू में नहीं आ रही है. कुछ किसान तो 5 तक स्प्रे इस बीमारी को रोकने को कर चुके हैं. बीमारी रुकती न देख अब उन्होंने हाथ खड़े कर दिए हैं और फसल को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
उत्पादन गिरने की आशंका
कृषि विशेषज्ञों और किसानों का कहना है कि गर्दन तोड़ जिस पैमाने पर फैली है, उससे इस बार बासमती के उत्पादन पर असर होना लाजिमी है. डीपी 1401 में बहुत तेजी से यह बीमार फैलती जा रही है. खासकर उन खेतों में जहां रोपाई थोड़ी लेट हुई है. ऐसे खेतों में 50 फीसदी तक यह बीमारी नुकसान कर चुकी है. बासमती 1121 में अभी इतना नुकसान नहीं हुआ है, बीमारी दिनोंदिन फैल रही है.