इन्फोपत्रिका. हर साल खराब बीजों से किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. अब इस संबंध में राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम (National Consumer Forum) ने एक अहम फैसला सुनाया है. महाराष्ट्र के चार किसानों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए फोरम ने कहा है कि किसान खराब बीज से फसल हानि होने पर कंपनी से मुआवजा पाने के हकदार हैं. फोरम ने श्रीराम बायोसीड जेनेटिक्स कंपनी और उसके डिलरों को को चारों किसानों को खराब फसल का मुआवजा, मानसिक प्रताड़ना के बदले राशि और कानूनी खर्च अदा करने का आदेश दिया है.
यह था मामला
महाराष्ट्र के किसान प्रवीण सुखदेव, अरूण नारायण, रानू रामभावऊ व तुकाराम ने श्रीराम बायोसिड जेनेटिक्स कंपनी का टमाटर का बीज खरीदा था. बीज के उच्च गुणवत्ता का होने का दावा किया गया था. पर बीज दावे पर खरा नहीं उतरा. खराब बीज की वजह से चारों किसानों की फसल खराब हुई और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ. किसानों ने खराब बीज की शिकायत कृषि अधिकारियों से की. कृषि अधिकारियों ने भी अपनी रिपोर्ट में माना की नुकसान खराब बीज की वजह से हुआ है.
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चारों किसानों को मुआवजा देने के आदेश
उपभोक्ता फोरम ने श्रीराम बायोसीड जेनेटिक्स और उसके डीलर्स को किसान प्रवीण को 3.21 लाख, अनिल को 1.60 लाख, रामभाऊ को 3.21 लाख और तुकाराम को 1.40 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया. साथ ही कंपनी को किसानों को मानसिक प्रताड़ना के लिए 7 हजार रुपए और कानूनी खर्च के रूप में 3 हजार रुपए देने का भी आदेश दिया.
लैब रिपोर्ट न होने की दलील खारिज की
आयोग ने बीज निर्माता कंपनी की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि किसानों ने बीज की टेस्ट रिपोर्ट पेश नहीं की है. आयोग ने कहा कि रिपोर्ट एक सबूत हो सकती है. लेकिन वह न होने पर अन्य सबूतों के आधार पर भी फैसला दिया जा सकता है. किसानों के हलफनामें के साथ दिए गए दस्तावेजों पर भरोसा किया जा सकता है. इसमें कृषि अधिकारी द्वारा मौका मुआयना संबंधी पंचनामा रिपोर्ट भी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बीज बेहद घटिया क्वालिटी का था.