इन्फोपत्रिका. Basmati slowdown : बासमती धान (Basmati paddy) में आया उबाल अब धीरे-धीरे ठंडा हो रहा है. हमने आपको बहुत पहले ही दो बातें बताई थी. एक, जैसे ही अधिकतर माल शैलरों में लग जाएगा, बाजार का सामना हकीकत से होगा. अब वो स्थिति आ चुकी है. दूसरी, चावल बाजार एक्सपर्ट नीरज शर्मा ने सीजन के शुरू में कह दिया था कि इस बार लक्ष्मी किसान के घर विराजेगी. ये भविष्यवाणी भी सच हुई है. सीजन में पूसा 1121 (Pusa 1121) सहित अधिकतर वैरायटियों ने किसानों को अच्छे भाव दिए हैं.
सच हुई हमारी भविष्यवाणी : इन्फोपत्रिका ने बताया था, दिसंबर में आएगा मंदा
अब हालात ये हैं कि दिनोंदिन बासमती तथा पूसा (पूसा 1121, पूसा 1509, पूसा 1718, डीपी 1401, पीबी 1) धान में गिरावट आ रही है. बासमती का बाजार फिलहाल इस मंदी से उबरता दिखाई नहीं दे रहा है. शुक्रवार को हरियाणा की अधिकतर मंडियों से ग्राहक गायब रहे. चावल की मांग न होने के साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट ओमोक्रॉन के बढ़ते केसों से हरकत में आई राज्य सरकारों के फरमानों ने बाजार में दहशत ला दी.
पूसा 1121 ने 4150 से लगाया बैक गियर Basmati 1121 slowdown
पंजाब की अमृतसर की भगतावांला मंडी के रहने वाले और बासमती धान और चावल के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार के जानकार श्री नीरज शर्मा का कहना है कि सीजन के शुरुआत से ही धान के रेट इस बार ऊंचे रहे हैं. बासमती 1121 (Basmati 1121 rate) की बात करें तो यह 4150 तक बिक चुका है. लेकिन अगर बात हम शुक्रवार 24 दिसंबर की करें तो हरियाणा में इसका रेट 3550-3600 रुपए है और पंजाब में यह 3650-3750 रुपए क्विंटल बिक रहा है. इसी तरह पूसा 1718 (pusa 1718 rate) भी 3900 रुपए क्विंटल बिकने के बाद अब 3600 रुपए तक लुढ़क चुका है. कुल मिलाकर धान के रेट 300/400 रुपए टूट चुके हैं. पूसा से ज्यादा हालात खराब बासमती धान की है. वैसे बासमती के बारे में कहा भी जाता है कि बासमती कब किसी को बना दे, कब गिरा दे. कुछ कहा नहीं जा सकता.
सौदा कैंसल होने से खराब हुई बासमती की हालत
नीरज शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों बासमती का काम करने वाली एक बड़ी फर्म ने 1090 डॉलर प्रति टन की ऑफर ली थी. लेकिन बाद में अपनी ऑफर कैंसिल कर दी. कारण धान की मार्केट ऊंची थी और लिवाल ऊंचे भाव में नहीं था. काम नहीं हो पाया. जैसे ही एक्सपोर्ट डील (Basmati export deal) के कैंसल होने की खबर आई बासमती धान फिसल गया. डील में बायर और खरीददार के बीच बात इसलिए नहीं बनी क्योंकि दोनों के रेटों में 100 डॉलर का अंतर था. इसकी आंच पूसा (1121, 1718, डीपी 1401 आदि) धान के भावों तक भी पहुंची और मार्केट में मंदी आ गई.
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चावल ने भी लगाया गोता slowdown in basmati rice
धान के साथ ही चावल में भी गिरावट आई है. चावल 400/500 रुपए टूट चुका है. शुक्रवार को 1121 स्टीम का रेट (1121 steam rate) 7300/7400 रुपए है. 1401 स्टीम (DP 1401 steam rate) 6200/ 6300 रुपए बिक रहा है. 1718 स्टीम का रेट 6800/6900 रुपए हैं. हालात ये हैं कि इन रेटों में भी लिवाली कम है. ग्राहक नहीं है. इन भावों में घरेलू मांग भी ज्यादा नहीं होती है. नीरज शर्मा का कहना है कि बात तब बनती है जब एक्पोर्ट मांग होती है. अभी स्थिति यह है कि न तो यूरोप से कोई डील हो रही है और न ही दुबई या सउदी अरब से. धान के हिसाब से चावल का जो रेट बनता है उस रेट में बायर तैयार नहीं है. ग्राहक जिस रेट में अपने देश में माल की पहुंच मांग रहा है उस रेट में भारतीय विक्रेता भारतीय पोर्ट पर पहुंच दे रहा है. कुल मिलाकर अंतर बहुत ज्यादा है अभी. इसी कारण सौदे नहीं हो रहे हैं.
पाकिस्तान दे रहा चुनौती
नीरज शर्मा का मानना है कि इस बार पाकिस्तान बासमती निर्यात में भारत को तगड़ी चुनौती दे रहा है. पाकिस्तानी बासमती की क्वालिटी इस बार बेहतर है और उनके रेट भी कम हैं. यही कारण है कि बासमती का कारोबार पाकिस्तान जाता दिख रहा है. पाकिस्तान में 1121 धान (Pakistan basmati) इस बार 2800 रुपए क्विंटल तक बिका है. भारतीय हिसाब से देखें तो यह 3050 रुपए बनता है. आज पाकिस्तान में 1121 सेला का रेट भारतीय हिसाब से 6650 रुपए है. 1121 स्टीम का दाम 7000 रुपए है. पाकिस्तान में चावल क्विंटल नहीं 40 किलोग्राम के हिसाब से बिकता है. पाकिस्तान के सेला चावल का रेट 6100/6150 प्रति 40 किलोग्राम है. स्टीम 1121 6550 रुपए है. अब अगर बात मुनाफे की करें तो पाकिस्तान में व्यापारियों को धान 2800 रुपए में मिला. अब चावल सेला रेट 6150 और स्टीम का रेट उन्हें 6550 रुपए मिल रहा है. यह रेट धान खरीद के हिसाब से अच्छा है और बढि़या मुनाफा दे रहा है.
भारत में ऐसा नहीं है. पूसा 1121 धान 3800 से 4100 रुपए तक बिक चुका है. स्टीम का रेट 7400 रुपए है जो धान खरीद के लिहाज से नुकसान ही दे रहा है. पाकिस्तान ने अभी इराक से सौदा किया है. पाकिस्तान ने 1121 सेला 1050 डॉलर प्रति टन के हिसाब से सौदा किया है. भारत के रेट पाकिस्तान के रेट से 100/150 रुपए ज्यादा थे. भारत की कोस्टिंग ज्यादा होने के कारण काम नहीं हो पाया और पाकिस्तान बाजी मार ले गया. इराक की फर्म दोनों देशों से ही कारोबार करती है.
एक महीना मंदी छंटने के आसार नहीं
नीरज शर्मा का कहना है कि अब यूरोप में क्रिसमश की छुट्टियां शुरू हो गई हैं. अब चावल का कोई सौदा होता भी है तो वो 10 जनवरी के बाद ही संभव है. एक और बड़ी समस्या ओवरसीज किराए की है. यह पिछले साल के मुकाबले दो-तीन गुणा तक तेज रहा है इस बार. अब यह कुछ
कम हुआ है. 15 जनवरी के बाद किराया और कम हो जाएगा. छुट्टियां खत्म होने और किराए में कमी से मार्केट में काम निकलना शुरू हो जाएगा. मार्केट को अपनी रूटीन में आने में एक महीना लगेगा. नीरज शर्मा का कहना है कि एक बात यहां समझने वाली है. मांग भी है और ग्राहक भी है. मामला रेट पर अड़ा है. कुछ परिस्थितियां थोड़ी उल्ट हैं. इनके कुछ दिनों बाद पटरी पर लौटने की उम्मीद है. जरूरत सब्र रखने की है. जो शांति रखकर सही वक्त का इंतजार करेगा, उसे फल जरूर मिलेगा. नीरज शर्मा के अनुसार व्यापारियों को फिलहाल कहावत – सहज पके सो मीठा होय, पर अमल करना चाहिए.
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