इन्फोपत्रिका. Basmati Paddy rate Prediction : बासमती 1121 धान के भाव 4000 रुपए क्विंटल से महज चंद कदम दूर है. किसी भी समय यह चौका लगाकर चार हजार की बाउंड्री पार कर सकता है. अगर हम चावल के मौजूदा रेटों से बासमती 1121 धान के भाव की तुलना करें तो यह तेजी गड़बड़ लगती है. ऊंचे रेट में चावल की डिमांड नहीं है. लेकिन इस फंडामेंटल पर ये सेंटीमेंट भारी है कि इस बार बुआई बहुत कम है. रही सही कसर बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने पूरी कर दी है. सब कम उत्पादन के सेंटीमेंट से प्रभावित हैं और तेजी में है.
बासमती के भविष्य पर हमने बात की बासमती चावल के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पैनी नजर रखने वाले श्री नीरज शर्मा से. नीरज अमृतसर की मंडी भगतांवाला के हैं. नीरज का कहना है कि इस बार एक बात तो दावे के साथ कही जा सकती है. वो है ये कि इस सीजन लक्ष्मी किसान के घर विराजेगी. आज जो रेट बने हैं वो बहुत अच्छे हैं. इस रेट में भी किसान को अच्छा मुनाफा मिल रहा है.
तेजी का कारण
नीरज शर्मा का कहना है कि इस बार बाजार में एक धारणा बन चुकी है कि बासमती 1121 की बुआई कम हुई है. कम बुआई से उत्पादन कम होगा. बस यही वो कारक है जिस कारण सीजन की शुरूआत ही ऊंचे दामों से हुई. बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने कम उत्पादन की धारणा को और मजबूत कर दिया. नीरज का कहना है कि इस बात में कोई शक नहीं है कि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने काफी नुकसान किया है. कई जगह तो 70 फीसदी तक नुकसान बासमती 1121 की फसल को हुआ है. वहीं बहुत से क्षेत्रों में फसल अच्छी खड़ी है. इसलिए उत्पादन का सही अनुमान अभी किसी को नहीं है. इस बार बासमती 1509 का प्रति एकड़ उत्पादन पिछले साल से ज्यादा हुआ है. उस हिसाब से 1121 के प्रति एकड़ उत्पादन में भी बढोतरी संभव है.
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क्या करें किसान
किसान बासमती 1121 को बेचे या रखें के सवाल पर नीरज शर्मा का कहना है कि किसानों को जो भाव अब बने हैं उनमें अपनी फसल बेचनी चाहिए. किसान भाईयों को सलाह है कि ज्यादा तेजी में रहना ठीक नहीं है. उनकी कड़ी मेहनत के अच्छे दाम मिल रहे हैं. सो इस तेजी में अपना माल बेचते रहना ही ठीक है. 200 रुपए की तेजी की उम्मीद रखने से अच्छा है कि 100 रुपए कम में बेचकर मुनाफा अपनी जेब में डालें. यह किसानों के लिए मुनाफे का सीजन है. लक्ष्मी किसान के घर विराजमान है.
व्यापारी का नफे-नुकसान से पुराना नाता
नीरज शर्मा का कहना है कि व्यापारी का नफे-नुकसान से पुराना नाता है. न हर बार नफा होता है न हर बार नुकसान. अगर आज की बात करें तो अगर एक्पोर्ट में चावल बाजार को देखें तो आज के रेट में धान खरीदना नुकसानदायक है. पंजाब में बासमती 1121 धान के आम भाव 3700 रुपए, बासमती 1718 के 3500 रुपए और बासमती 1509 के रेट 3000 रुपए क्विंटल है. हरियाणा में भी भाव लगभग यही है कोई 50-100 ऊपर नीचे हैं. अगर 3500 भी 1121 खरीदा जाए तो इस रेट पर 10 फीसदी खर्च मंडी खर्च के रूप में जु़ड़ जाता है. 80 से 100 रुपए मिल तक जीरी ले जाने का किराया है. इस तरह मिलर को यह धान 3930 रुपए पड़ता है. आज का चावल बाजार देखें तो 3930 रुपए में खरीदे धान से निकले चावल का जो रेट होना चाहिए, वह अभी मिल नहीं रहा है.
क्या होगा आगे
शर्मा का कहना है कि बासमती के बाजार में एक खास बात हमेशा रही है. वो है कि यहां चावल कभी धान के रेट के हिसाब से कभी न बिका है न बिकने की संभावना है. बासमती 1121 धान के भविष्य के बारे में नीरज शर्मा का कहना है कि व्यापार में वैसे तो कल क्या हो किसी को नहीं पता. पर फिलहाल की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि धान में मंदा दिसंबर में आएगा जब लगभग माल शैलर्स के अंदर होगा. तब एक्सपोर्ट मांग और रेट दोनों सामने होंगे. और लग ऐसा रहा है कि रेट घाटे वाले ही होंगे. नीरज शर्मा का कहना है कि इस बार का सीजन व्यापारी के लिए 2014 वाला साल साबित होगा. उसके सामने अभी शीशा क्लियर नहीं है. वो भ्रम में है. वो दुविधा में है कि माल लेकर पछताए या फिर न लेकर पछताए. मिलर्स की आज की हालत पर हरियाणवी कहावत फिट बैठ रही है कि – या तो बाबू रेल मं या फिर बाबू जेल मं. अर्थात आर या पार.
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