नई दिल्ली. लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों की आत्मिक शांति के लिए मंगलवार को तिकुनिया में अंतिम अरदास हुई. इस अरदास में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी पहुंची और उन्होंने मत्था टेका. यह कार्यक्रम लगभग 30 एकड़ की जमीन पर घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर आयोजित किया गया. कार्यक्रम में उत्तर-प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से करीब 50 हजार किसान पहुंचे.
शहीदी स्मारक बनाने का फैसला
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अरदास में तमाम बड़े किसान नेता भी मौजूद रहे. अरदास के बाद नेताओं ने आगे के कार्यक्रमों का ऐलान किया. मिली जानकारी के अनुसार, 24 अक्टूबर को देश की सभी प्रमुख नदियों में मृतक किसानों की अस्थियों का विसर्जन होगा. 24 अक्टूबर को ही 10 से 4 बजे तक चक्का जाम होगा. इसके बाद उत्तर-प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा जाएगी. तिकोनिया में घटनास्थल पर 5 किसानों की शहीदी स्मारक बनाया जाएगा.
दैनिका भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तक रेड कार्पेट गिरफ्तारी हुई है. आरोपियों को गुलदस्ता देकर बुलाया गया. मंत्री के रहमो-करम वाले पुलिस कैसे पूछताछ करंगे? जब तक बापू बेटा जेल में बंद नहीं होंगे, जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा, शांति पूर्व आंदोलन जारी रहेगा.
अरदास में लिए गए 5 बड़े फैसले-
15 अक्टूबर : दशहरा के दिन पूरे देश में प्रधानमंत्री के पुतले फूंके जाएंगे.
18 अक्टूबर : सोमवार को ट्रेनें रोकी जाएंगी.
24 अक्टूबर : रविवार को शहीद किसानों की अस्थियों का विसर्जन होगा.
26 अक्टूबर : मंगलवार को लखनऊ में महापंचायत होगी.
इसके बाद उत्तर-प्रदेश के हर जिले और देश के हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा जाएगी.