नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने सिंघु बार्डर (Singhu Border) पर हुई हत्या का दोषी राकेश टिकैत को बताया है. उन्होंने कहा कि यदि राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता तो सिंघु बॉर्डर पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती.
याद रहे कि लखीमपुर में कुछ दिन पहले गाड़ियों के एक काफिले ने तीन किसानों को कुचलकर मार डाला था. इसके बाद भड़के किसानों ने भी उसी काफिले से हाथ आए कुछ लोगों की पिटाई की थी, जिनमें से तीन लोग बाद में मर गए थे. किसानों का आरोप है कि किसानों को कुचलने वाला काफिला बीजेपी के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे का था. बाद में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों ने जवाबी कार्रवाई करके कुछ भी गलत नहीं किया है.
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अब अमित मालवीय (Amit Malviya) ने सिंघु बार्डर पर हुई हत्या पर ट्वीट करके कहा- ‘बलात्कार, हत्या, वैश्यावृत्ति, हिंसा और अराजकता… किसान आंदोलन के नाम पर यह सब हुआ है. अब हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्या… आखिर हो क्या रहा है? किसान आंदोलन के नाम पर यह अराजकता करने वाले ये लोग कौन हैं जो किसानों को बदनाम कर रहे हैं?’ अमित मालवीय ने आगे कहा, ‘अगर राकेश टिकैत ने लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को सही नहीं ठहराया होता तो सिंघु बॉर्डर पर एक युवक की हत्या नहीं हुई होती. किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे की अराजकतावादियों को बेनकाब करने की जरूरत है.’
गुरुवार रात को हुई थी हत्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली में सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर एक विरोध स्थल के पास एक व्यक्ति की हत्या हो गई. आरोप है कि कुछ निहंगों ने किसानों के मंच के पास एक युवक की बेरहमी से हत्या की और फिर एक हाथ काटकर शव बैरिकेड से लटका दिया गया. इस मामले को लेकर सोनीपत के DSP हंसराज ने कहा कि थाना कुंडली में सूचना मिली कि जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसकी स्टेज के पास एक व्यक्ति के हाथ पैर काटकर मृत लटकाया हुआ है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों से पूछताछ की, लेकिन अभी कुछ खुलासा नहीं हो पाया है. अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की जांच जारी है.
कौन है मरने वाला
न्यूज़ 18 की एक ख़बर के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर मारे गए युवक की पहचान लखबीर सिंह के रूप में हुई है. मृतक के पिता का नाम दर्शन सिंह था, लेकिन 6 महीने की उम्र में फूफा हरनाम सिंह ने लखबीर सिंह को गोद ले लिया था. लखबीर सिंह पेशे से मजदूर थे और उनकी उम्र 35-36 साल थी. लखबीर तरन-तारन जिले के चीमा खुर्द गांव के रहने वाले थे. उनके माता-पिता की मौत हो चुकी है. परिवार में अब सिर्फ एक विधवा बहन (राज कौर) है. उनकी पत्नी जसप्रीत कौर साथ में नहीं रहती थी. वह उनके तीन बच्चों को लेकर अलग रहती हैं. इसमें तीन बेटियां शामिल हैं. जिनकी उम्र 8 से 12 साल के बीच है.
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